महाविद्यालय की स्थापना एवं संक्षिप्त परिचय
एक राष्ट्र..एक ध्वज..एक आत्मा..!!!
"या कुंदेंदु तुषारहार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता। या वीणावर दण्डमंडितकरा, या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा॥" |
"शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमां आद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा पुस्तक धारिणीं अभयदां जाड्यान्धकारापाहां। हस्ते स्फाटिक मालीकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदां॥" |
ज्ञान ज्योति का पावन मंदिर, मानवता का हार है |
एकात्मता का निलय सुन्दर, सद्ज्ञान का परिवार है |
महाविद्यालय : एक दृष्टी में
अमरनाथ सोना देवी महाविद्यालय‚भवानीपुर तरॉव गाजीपुर ऊ० प्र० में
की गयी |" उत्तिष्ठ जाग्रत प्राप्य वरात्रि वोधत " अर्थात उठो, जागो और उच्चता को
प्राप्त करो का सन्देश लिये हुए यह महाविद्यालय अपने उच्चतम लक्ष्य की ओर अग्रसर
हैं |
महाविद्यालय में पुस्तकालय, वाचनालय एवं बुक बैंक की सुविधा उपलब्ध है |
शिक्षणेत्तर कार्यक्रम के अन्तर्गत क्रीड़ा प्रशिक्षण, में महाविद्यालय की सक्रिय सहभागिता रहती हैं |
वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रामों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से
छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर
मूल्यांकन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं हैं | ग्रामीण एवं पिछड़ें क्षेत्रों
के छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये यह महाविद्यालय संकल्पित एवं
प्रतिबद्ध हैं |